Thursday, 6 October 2016

सच्चा नास्तिक कौन है????

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आजकल नया फैशन चला है 

,, अपनी संस्कृति और संस्कारों और धार्मिक गतिविधियों को फालतू बताने का ,, मुझे समझ नहीं आता कि इन सारी चीजों को फालतू कहने वाले यह क्यों भूल जाते है कि जब उनका जन्म हुआ था , तो सारी वैदिक रीतियों का पालन हुआ था ,, 
नामकरण से लेकर अन्नप्राशन , यज्ञोपवीत संस्कार से लेकर विवाह संस्कार और अंत काल में जब इनके वश में कुछ भी नही रहेगा फिर भी इनका अंतिम संस्कार ही होगा।।

राम पर लांछन लगाना, सीता के चरित्र पर सवाल उठाना,, कृष्ण को गलत कहना, हनुमान जी के कृत्यों को काल्पनिक बताना और शिव को भी सम्मान ना देना,,
अगर वो खुद नास्तिक है तो यहाँ तक तो कुछ समझा जा सकता है, लेकिन ये उन लोगों को भी नहीं खुशी से नहीं देख सकते है, जो इनकी तरह अपनी सभ्यता, संस्कृति और संस्करों को भूले नहीं है,, जो सूर्य भगवान को नमस्कार करते है, मां गंगा को पूजते है, शिव की स्तुति करते है, राम को स्मरण करते रहते है और कृष्ण के वंशज होने पर खुद पर गर्व करते है।।


अगर भगवान को ना मानने वाले लोग, भारत को मात्र एक भूमि का टुकड़ा समझने वाले लोग, हिंदुस्तान को कुछ भी ना समझने वाले लोग और वे लोग जो भारत का जन्म 15 अगस्त 1947 को मानते है और हमेशा पूजापाठ, नाम जप. स्मरण , मंदिर जाने का विरोध करके खुद को नास्तिक कहलाना पसंद करते है और कुछ ज्यादा ही खुश होते है, ये देख कर कि आज मैनें देश के संस्कारों , राष्ट्र की सभ्यताओं और भारत की संस्कृति पर सवालिया निशान खड़ा किया और कुछ आस्तिकों को नाश्तिक बना दिया।।


ऐसे लोगों से  सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगा कि कबीर और वाल्मीकि से बड़ा नास्तिक कोई नही था,, लेकिन इन्होनें जब उस परम सत्य को जाना तो इनसे बड़ा आस्तिक कोई नही हुआ आजतक,, तो आप सभी नास्तिकों से  सिर्फ और सिर्फ एक बात कहना चाहूंगा कि अगर आप नास्तिक है तो सबसे पहले नास्तिक की परिभाषा का ज्ञान कर लीजिए जो इस प्रकार है----- एक सच्चा नास्तिक वही होता जो एक सच्चा आस्तिक होता है, और हर चीज को जांचने और परखने के बाद ही कहता है कि ये गलत है या ये झूठ हैं,,

तो आप सभी से निवेदन है कि अगर आस्तिक है तो सच्चे आस्तिक रहिए और अगर सच्चे नास्तिक है तो सच्चे नास्तिक रहिए और पहले खोज करिए विधाता की
अगर सच्चे मन से ढ़ूढ़ंने पर भी श्याम ने मिले तो एक बार ये मान लीजिए कि एक परमशक्ति है जो इस सारे संसार को संचालित करती है और उससे बड़ा कोई भी नहीं है,, 
क्यों कि बिना माने तो गणित का सवाल भी हल नहीं होता और आप तो परमशक्ति की खोज में है।।

जानने के लिए मानना जरूरी हैं।।

जय श्रीराम, भारत माता की जय ,,
वंदे मातरम्










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योगेश्वर श्रीकृष्ण

                                                       ।।।।  जय श्री कृष्णा ।।।।                                                            ...