अगर हम हिन्दू धर्म शास्त्रों की बात करे तो वो अनगिनत है लेकिन उनमें से कुछ कहानियां बहुत ज्यादा प्रचलित है , उन कहानियों को हर वो हिन्दू जानता होगा जो कि थोड़ा बहुत भी धार्मिक होगा ।
सनातन हिन्दू धर्म शास्त्रों में बहुत सी स्त्रियों को सती की संज्ञा दी गयी है लेकिन ये पांच नाम हर सनातनी हिन्दू की स्मृति में रहते है ।
सती का अर्थ होता है पतिव्रता ,कर्तव्यनिष्ठ, सत्यवादी, धार्मिक, निष्ठावान, कितना भी कहु तो शब्द कम पड़ जाएंगे ।
1- तारा तारा सुग्रीव की पत्नी थी लेकिन बाली ने सुग्रीव को पराजित कर तारा का हरण किया और बाली के साथ में रहकर उन्होंने अंगद को जन्म दिया जो राम रावण युद्ध में भगवान श्री राम के विजिटिंग कार्ड बनकर गए थे रावण के दरबार में ।
2- कुंती- विवाह से पहले ही भगवान सूर्य के दिये वरदान के असमय परीक्षण के कारण कर्ण को जन्म दे चुकी थी लेकिन सनातन ने माता कुंती पर लांछन नही लगाया बल्कि उन्हें सती की संज्ञा दी ।
3- द्रौपदी - पांच पतियों की पत्नी लेकिन सनातन के लोगों ने इनके लिए किसी भी अनर्गल शब्द का प्रयोग करके इनके चरित्रहरण का प्रयास नही किया, बल्कि जिन्होंने इनके चीर हरण की कोशिश की उनको उनके अंजाम तक पहुँचाने में भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं मार्गदर्शन किया पांडवों का ।
4- अहिल्या- इंद्र ने जो भी गलत किया माँ अहिल्या के साथ उसका अंजाम इंद्र ने भुगता, लेकिन इस कुकृत्य, जो कि माँ अहिल्या के साथ हुआ उसकी वजह से सनातन ने उनको ठुकराया नही बल्कि स्वयं भगवान श्री राम को माँ को सद्गति प्रदान करने के लिए धरती पर आना पड़ा ।
5- मंदोदरी- रावण की पत्नी थी लेकिन रावण की मृत्यु के बाद इनका विवाह रावण के छोटे भाई विभीषण के साथ हुआ, लेकिन सनातन ने इनकी पतिव्रता धर्म के प्रति निष्ठा को देखकर इनको सती की संज्ञा दी ।
माँ कुंती को छोड़कर उपरोक्त हर स्त्री के जीवन में दुर्भाग्य या सौभाग्य से एक से अधिक पुरुष आये लेकिन उस वजह से उपरोक्त किसी के भी मान में सनातनी इतिहास ने कोई कमी नही की है , कहने का मतलब यही था की किसी भी ऐसी स्त्री के प्रति घृणा का भाव मत लाइये जिनके जीवन में कुछ भी दुर्भाग्यपूर्ण घटा है जो नही घटना चाहिए था ।
बहुत सुन्दर जानकारीपरक पोस्ट।
ReplyDeleteआपकी ही प्रेरणा से लिखना शुरू किया था सर।
DeleteBeautiful��
ReplyDeleteThnk u chetna..
Deleteअच्छा है भाई
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका
ReplyDelete