भारत की आज़ादी में नेता जी सुभाष चंद्र बोस जी के योगदान को जिस तरह से भुलाया गया उसको आप सिर्फ एक बात से समझ सकते है,
कि आज़ाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री नेहरू (क्यों की नेता जी सुभाष चंद्र बोस जी ने 21 अक्टूबर 1943 को सिंगापुर में अस्थाई आज़ाद हिन्द सरकार बनाई थी, जिसे जर्मनी, जापान, फिलीपीन्स, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड ने मान्यता दी थी ) ने पहले संबोधन (नियति से साक्षात्कार) tryst with destiny में एक बार भी नेता जी सुभाष चंद्र बोस जी का नाम तक नही लिया ।Transfer of power के तुरंत बाद1947 में भारत की संसद में एक मांग उठी की नेता जी सुभाष चंद्र बोस जी की एक तस्वीर संसद में लगाई जानी चाहिए, लेकिन आज़ाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री नेे उस मांग को खारिज कर दिया,
और पहली बार नेता जी सुभाष चंद्र बोस जी की तस्वीर 23 जनवरी 1978 को संसद में लगाई गयी जब भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी भारत के विदेश मंत्री बने ।
Such Facts must be published for new generations to know the Real Hero of Freedom Fighters.
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