Sunday, 1 December 2024

गीत - इतना क्यों याद तुम आ रहें हो ??

आंखे नम है और भीगी हैं पलकें ,
इतना क्यों याद तुम आ रहे हो?? 1 ??

अब ना संगी है वो, ना ही साथी हो तुम,
ना दिया हम ही है, ना ही बाती हो तुम,
हम तो अपने भी हो ही ना पाए,
तुम तो गैरों के गुन गा रहे हो ।।

आंखे नम है, भीगी है पलके ,
इतना क्यों याद तुम आ रहे हो ?? 2 ??


अब ना यारी है वो, ना ही याराना है,
तू वो मंजिल जिसे अब नही पाना है,
जी ही लेंगे हा हम ही अकेले,
तुम तो संग उनके इठला रहे हो,

आंखे नम है, भीगी है पलके ,
इतना क्यों याद तुम आ रहे हो ?? 3 ??

तुमसे बोला था तब, लौट आओ ना तुम,
अब तो यादों में आके सताओ ना तुम,
टूटे टूटे है अरमान सारे,
मुझको ऐसे जो ठुकरा रहे हो,

आंखे नम है और भीगी है पलकें।
इतना क्यों याद तुम आ रहे हो ?? 4 ??

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