आंखे नम है और भीगी हैं पलकें ,
इतना क्यों याद तुम आ रहे हो?? 1 ??
अब ना संगी है वो, ना ही साथी हो तुम,
ना दिया हम ही है, ना ही बाती हो तुम,
हम तो अपने भी हो ही ना पाए,
तुम तो गैरों के गुन गा रहे हो ।।
आंखे नम है, भीगी है पलके ,
इतना क्यों याद तुम आ रहे हो ?? 2 ??
अब ना यारी है वो, ना ही याराना है,
तू वो मंजिल जिसे अब नही पाना है,
जी ही लेंगे हा हम ही अकेले,
तुम तो संग उनके इठला रहे हो,
आंखे नम है, भीगी है पलके ,
इतना क्यों याद तुम आ रहे हो ?? 3 ??
तुमसे बोला था तब, लौट आओ ना तुम,
अब तो यादों में आके सताओ ना तुम,
टूटे टूटे है अरमान सारे,
मुझको ऐसे जो ठुकरा रहे हो,
आंखे नम है और भीगी है पलकें।
इतना क्यों याद तुम आ रहे हो ?? 4 ??
Sunday, 1 December 2024
गीत - इतना क्यों याद तुम आ रहें हो ??
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
गीत -- क्यों आँखें है गीली सबब पूछते हो ? ये वर्षों से ऐसी है अब पूछते हो !
क्यों आँखें है गीली सबब पूछते हो , ये वर्षों से ऐसी है अब पूछते हो । रो के पुकारा तो, नज़रे फिरा ली , जो आँखों में झाका तो, आँखे चुरा ली , ज...
-
क्यों आँखें है गीली सबब पूछते हो , ये वर्षों से ऐसी है अब पूछते हो । रो के पुकारा तो, नज़रे फिरा ली , जो आँखों में झाका तो, आँखे चुरा ली , ज...
-
ना मोहब्बत इस कदर होती , ना ज़िंदगी दर बदर होती , की हम भी चुन लेते मोती, जो निगहों में तू नहीं होती , ना मोहब्बत इस कदर होती , ना ज़िंदगी...
No comments:
Post a Comment