।।।। जय श्री कृष्णा ।।।।
हम क्यो जानते है योगेशवर कृष्ण के बारे में ??
सिर्फ इतना कि वो रास रचाते थे??
माखन खाते थे??
दही दूध चुराते थे ??
बंसी बजाते थे ??
अगर सिर्फ इतनी ही बातोंं से आप माधव को जानते है तो आप कुछ भी नहीं जानते है उनके बारे में..
आइए बताते हैं आपको कुछ ऐसी बातें जो कि आजकल किसी भी युवा के जुबान से सुनने को नहीं
मिलती हैंं ।।
1 - सबसे बड़े योद्धा थे भगवान कृष्ण, महाभारत के युद्ध में यदि योगेश्वर कृष्ण ने हथियार उठा लिए होते तो
शायद ही वो युद्ध कुछ छणों से भी ज्यादा चल पाता ।।
2 - संयम और धैर्य की प्रतिमूर्ति थे भगवान कृष्ण, उनके हृदय प्रिय पांडवों के साथ हुए इतने अन्याय के बावजूद
शांति दूत बनकर हस्तिनापुर गए और ये जानते हुए भी कि दुर्योधन कभी भी किसी शांति प्रस्ताव को स्वीकार
नहीं करेगा और वो सिर्फ और सिर्फ उनका अपमान ही करेगा, वो हस्तिनापुर गए और शांति प्रस्ताव पर सभी
को राजी करने का प्रयास किया ।
3 - गलतियों की सीमा लांघ जाने पर किसी को क्षमा नहीं करते है, भगवान श्रीकृष्ण , शिशुपाल भले ही उनका सगा
संबंधी था, लेकिन जब 100 गालियों की सीमा पार हुईं तो सुदर्शन प्रगट हुआ और शिशुपाल को और गलतियां
करने लायक भी नहीं छोड़ा ।।
4 - जब हस्तिनापुर की भरी सभा में दुर्योधन ने शांतिदूत भगवान श्रीकृष्ण को बंदी बनाने की बात कहीं तो,
भगवान ने सिर्फ इतना कहते हुए अपना विराट स्वरूप दिखाया कि यदि हमें बंदी बना सकते हो तो अवश्य
कोशिश करके देख लो और उसके बाद जो हुआ वो तो जग विदित है ।
5 - शांंति जब संभव ना रही और महाभारत के रण में जब पितामह भीष्म के बाणों का जवाब देने से अर्जुन ने
इंकार कर दियो तो महाभारत के युद्ध में हथियार ना उठाने की सौगंध खाने वाले योगेश्वर रथ का पहिया लेकर
जब पितामह भीष्म की ओर दौड़े तो महारथी भीष्म के हाथ से भी हथियार छूट गए और वो दोनों हाथ जोड़े
माधव के इस रूप को देखते रह गए ।
ऐसी ही अनगिनत बातें है जो आज हम युवाओं के मन में व्यापत होनी चाहिए लेकिन हैं नहीं ।।
तो योगेश्वर श्रीकृष्ण को पढ़ते रहिए और उनके बताए धर्म के मार्ग पर चलते रहिए,,